गाजा में हमास और डोगमूश कबीले के लड़ाकों में खूनी झड़प: 64 लोगों की मौत, हमास लीडर के बेटे समेत कई मारे गए
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गाजा पट्टी (Gaza Strip) एक बार फिर भीषण हिंसा की चपेट में है। हमास (Hamas) और डोगमूश कबीले (Doghmush Clan) के लड़ाकों के बीच हुई जबरदस्त झड़पों में अब तक 64 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में हमास के एक शीर्ष लीडर का बेटा भी शामिल है। इस संघर्ष में एक फिलिस्तीनी पत्रकार की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे पूरे क्षेत्र में गुस्सा और तनाव और बढ़ गया है।
यह घटना गाजा में लंबे समय से चले आ रहे आंतरिक सत्ता संघर्ष, वर्चस्व की लड़ाई और अस्थिर राजनीतिक हालात को फिर उजागर करती है। गाजा की जनता पहले से ही इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध के कारण संकट में है, और अब आंतरिक टकराव ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।
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गाजा में हमास और डोगमूश कबीले की झड़प
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हमास लीडर के बेटे की मौत
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फिलिस्तीनी पत्रकार की हत्या
1. झड़प की शुरुआत कैसे हुई?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, झड़प की शुरुआत गाजा सिटी में उस समय हुई जब डोगमूश कबीले के कुछ लड़ाकों ने हमास की सुरक्षा चौकी पर हमला कर दिया। बताया जाता है कि यह हमला एक पुरानी दुश्मनी और हथियारों के नियंत्रण को लेकर हुआ। हमास ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पूरे इलाके को घेर लिया और भारी हथियारों से जवाब दिया।
देखते ही देखते यह मुठभेड़ गली-गली में फैल गई। डोगमूश कबीले ने भी संगठित होकर हमास के ठिकानों पर जवाबी हमले किए। दोनों ओर से रॉकेट लॉन्चर, राइफल और ग्रेनेड का इस्तेमाल हुआ।
2. 64 लोगों की मौत, कई घायल
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इस झड़प में अब तक 64 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मारे गए लोगों में हमास के एक वरिष्ठ लीडर का बेटा भी शामिल है, जिसकी मौत के बाद हालात और बिगड़ गए।
अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है। कई घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है। गाजा में पहले से ही चिकित्सा संसाधनों की भारी कमी है, और इस झड़प ने स्वास्थ्य व्यवस्था को और चरमरा दिया है।
3. फिलिस्तीनी पत्रकार की हत्या ने बढ़ाया तनाव
इस संघर्ष में एक फिलिस्तीनी पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह पत्रकार लाइव रिपोर्टिंग कर रहा था, तभी अचानक गोली उसके सिर में लगी। उसकी मौत ने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रकार संगठनों में गुस्सा फैला दिया है।
पत्रकारों ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे प्रेस स्वतंत्रता पर हमला बताया है। गाजा में काम कर रहे कई मीडियाकर्मियों ने कहा कि वे अब अपनी जान जोखिम में डालकर रिपोर्टिंग कर रहे हैं।
4. डोगमूश कबीला कौन है?
डोगमूश कबीला गाजा में एक शक्तिशाली हथियारबंद समूह है। यह कबीला कई दशकों से गाजा के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण बनाए हुए है। इनका मुख्य काम हथियारों की तस्करी, सीमा पार व्यापार और स्थानीय प्रभाव कायम रखना है।
यह कबीला कई बार हमास के खिलाफ भी खड़ा हो चुका है। हमास, जो 2007 से गाजा पर शासन कर रहा है, लंबे समय से डोगमूश कबीले की ताकत को कम करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन कबीला भी अपने लड़ाकों और आर्थिक नेटवर्क की वजह से मज़बूती से टिका हुआ है।
5. हमास बनाम डोगमूश: सत्ता संघर्ष का इतिहास
हमास और डोगमूश कबीले के बीच का संघर्ष नया नहीं है। दोनों के बीच पहले भी कई बार हिंसक झड़पें हो चुकी हैं।
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2008 में भी दोनों के बीच लड़ाई में कई लोग मारे गए थे।
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हथियारों की तस्करी और स्थानीय कर वसूली के अधिकार को लेकर अक्सर तनाव रहता है।
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हमास खुद को गाजा का एकमात्र शासक मानता है, जबकि डोगमूश कबीला अपनी स्वतंत्रता बनाए रखना चाहता है।
6. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस झड़प ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने बयान जारी कर कहा है कि गाजा में पहले से ही मानवीय संकट चरम पर है, और आंतरिक संघर्ष ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।
यूरोपीय संघ ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। वहीं, कई मानवाधिकार संगठनों ने गाजा में आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है।
7. गाजा के लोगों की स्थिति
गाजा में आम नागरिक पहले ही युद्ध, नाकेबंदी और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। अब इस तरह की आंतरिक झड़पों ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
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कई परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ा।
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स्कूल और अस्पतालों में डर का माहौल है।
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बिजली और इंटरनेट सेवाओं पर भी असर पड़ा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अब यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उनका दुश्मन कौन है — बाहरी ताकतें या अपने ही लोग।
8. राजनीतिक भविष्य पर असर
यह झड़प गाजा की राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकती है। हमास को पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव का सामना करना पड़ रहा है, और अब आंतरिक विरोध उसके शासन को कमजोर कर सकता है।
डोगमूश कबीले की बढ़ती ताकत गाजा में सत्ता संतुलन को बदल सकती है। यह स्थिति आने वाले समय में गाजा में बड़े राजनीतिक बदलावों का संकेत भी दे रही है।
निष्कर्ष
गाजा में हमास और डोगमूश कबीले के बीच हुई झड़प सिर्फ एक स्थानीय घटना नहीं, बल्कि यह गाजा की गहराई में छिपे सत्ता संघर्ष और सामाजिक अस्थिरता की झलक है। 64 लोगों की मौत, हमास लीडर के बेटे की हत्या और एक पत्रकार की जान जाने ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह गाजा में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाए। वरना यह संघर्ष भविष्य में और भी बड़े मानवीय संकट का रूप ले सकता है।