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8वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी आने वाली है

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए आ रही है बड़ी खुशखबरी! आठवें वेतन आयोग से बेसिक सैलरी में आएगा जबरदस्त उछाल

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक बड़ी गुड न्यूज आने वाली है। देश के लगभग 35 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 67 लाख से अधिक पेंशनधारक जल्द ही आठवें वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह घोषणा न केवल उनके वर्तमान वेतन को बदल देगी, बल्कि भविष्य की वित्तीय सुरक्षा का रास्ता भी तय करेगी। आइए, इसके संभावित प्रभावों और समयसीमा पर एक विस्तृत नजर डालते हैं।

 

आयोग के गठन में क्यों हो रही देरी?

 

मोदी कैबिनेट ने आठवें वेतन आयोग के गठन को जनवरी 2025 में मंजूरी दे दी थी, लेकिन अब तक इसका गठन नहीं हुआ है। इस देरी के पीछे कई कारण हैं:

 

· वित्तीय बाधाएं: सरकार को कल्याणकारी योजनाओं, चुनावी वादों और राजकोषीय घाटे पर भी नजर रखनी है। अत्यधिक वेतन वृद्धि सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ा सकती है।

· ब्यूरोक्रेटिक प्रक्रियाएं: आयोग के ‘टर्म्स ऑफ रेफरेंस’ (ToR) अभी तक तय नहीं हुए हैं, जो कि आयोग के लक्ष्य और कार्यप्रणाली को परिभाषित करते हैं।

· लंबी प्रक्रिया: पिछले वेतन आयोगों का इतिहास बताता है कि यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है।

 

कब तक लागू होगा आठवां वेतन आयोग?

 

अनुमान लगाया जा रहा है कि आठवां वेतन आयोग जनवरी 2026 के बाद ही लागू हो पाएगा। यदि आयोग का गठन 2024 के अंत तक भी हो जाता है, तो भी इसकी सिफारिशों को लागू होने में 18 से 24 महीने का समय लग सकता है। इसका सीधा मतलब है कि वेतन में प्रभावी बढ़ोतरी 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में ही संभव हो पाएगी।

 

बेसिक सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी? फिटमेंट फैक्टर क्या होगा?

 

वेतन में संशोधन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू ‘फिटमेंट फैक्टर’ है। यह एक गुणक है जिसे पिछले वेतन के आधार पर नए मूल वेतन की गणना के लिए लगाया जाता है।

 

· सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गया था।

· आठवें वेतन आयोग के लिए, विशेषज्ञों का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.86 के बीच रह सकता है।

· अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन ₹51,000 से अधिक हो सकता है, जो वर्तमान वेतन में जबरदस्त उछाल लाएगा।

· हालांकि, सरकार के बजट को ध्यान में रखते हुए, 2.6 से 2.7 गुना की बढ़ोतरी को अधिक संभावित माना जा रहा है। इससे कर्मचारियों को अच्छा लाभ मिलेगा और सरकार का बजट भी असंतुलित नहीं होगा।

क्या महंगाई भत्ता (DA) मूल वेतन में मिलेगा?

एक और बड़ा बदलाव यह हो सकता है कि वर्तमान महंगाई भत्ता (DA), जो जनवरी 2025 से 55% है, को मूल वेतन में मिला दिया जाए। इसके दो मुख्य प्रभाव होंगे:

 

1. तत्काल लाभ: मूल वेतन बढ़ने से HRA और ट्रांसपोर्ट भत्ते जैसे अन्य भत्ते भी स्वचालित रूप से बढ़ जाएंगे, जिससे सकल वेतन में अच्छी खासी वृद्धि दिखाई देगी।

2. भविष्य की DA वृद्धि: एक बार DA को मूल वेतन में मिलाने के बाद, भविष्य में DA की वृद्धि शून्य से शुरू होगी। हालांकि, चूंकि मूल वेतन ऊंचा होगा, इसलिए DA में प्रत्येक भविष्य की वृद्धि का वास्तविक राशन पर अधिक प्रभाव पड़ेगा।

पेंशनरों को क्या मिलेगा लाभ?

लगभग 67 लाख पेंशनरों के लिए भी यह आयोग बेहद महत्वपूर्ण है। पेंशन की गणना आमतौर पर अंतिम वेतन के आधार पर की जाती है। इसलिए, वेतन संरचना में कोई भी बदलाव सीधे तौर पर पेंशन राशि को प्रभावित करेगा। महंगाई राहत (DR) के मूल पेंशन में मिलाए जाने की संभावना से भी पेंशनरों को फायदा होगा। सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ पहले ही सरकार से इस संबंध में स्पष्टता की मांग कर रहे हैं।

निष्कर्ष: धैर्य रखें, परिणाम मीठा होगा

हालांकि आठवें वेतन आयोग के गठन और लागू होने में कुछ देरी हो सकती है, लेकिन संकेत यही हैं कि इस बार का इंतजार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बेहद मीठा साबित होने वाला है। एक संशोधित और बेहतर वेतन संरचना निश्चित रूप से आने वाली है। इसलिए, थोड़ा और धैर्य रखना होगा, क्योंकि अंतिम परिणाम सभी की उम्मीदों से अधिक बेहतर हो सकता है।

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