वर्धमान रेलवे स्टेशन पर भगदड़: 10-12 घायल, त्योहारी सीजन में सुरक्षा में चूक

पश्चिम बंगाल के वर्धमान रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 10-12 लोग घायल

पश्चिम बंगाल के वर्धमान रेलवे स्टेशन पर रविवार शाम को एक भयावह घटना सामने आई, जब त्योहारी सीजन की भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। इस हादसे में अनुमानित रूप से 10 से 12 लोग घायल हुए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। रेलवे अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह पूरी घटना केवल कुछ सेकंड में घटित हुई।

घटना का स्थल और समय

भारी भीड़ प्लेटफार्म नंबर 4, 5 और 6 को जोड़ने वाली सीढ़ियों और फुट ओवर ब्रिज (FOB) पर जमा थी। हल्दीबाड़ी एक्सप्रेस जो प्लेटफार्म नंबर 5 पर आ रही थी, साथ ही हावड़ा मेन लाइन लोकल ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 4 पर और एक अन्य ट्रेन लगभग एक साथ स्टेशन पर पहुँची।

यात्रियों की ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी और भीड़ के दबाव के कारण अचानक धक्कामुक्की शुरू हो गई। सीढ़ियों पर लोग गिरने लगे और फुट ओवर ब्रिज पर अफरातफरी का माहौल बन गया।

प्रत्यक्षदर्शियों की प्रतिक्रिया

एक स्थानीय यात्री ने बताया, “मैं प्लेटफार्म नंबर पांच पर था, जब अचानक लोग चिल्लाने लगे। एक महिला फुट ओवर ब्रिज की सीढ़ियों से फिसल गई और उसके बाद लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे।”

घटना स्थल से सामने आए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि लोग चलने की जगह तक नहीं पा रहे थे और भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। हालांकि रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह पूर्ण भगदड़ नहीं थी, बल्कि भीड़ प्रबंधन में कमी और संकरी सीढ़ियों के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।

घायलों की स्थिति

घायलों को तुरंत वर्धमान मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार ज्यादातर घायलों को मामूली चोटें आई हैं, जैसे कि मोच, खरोच और हल्के फ्रैक्चर। वहीं छह लोगों को विशेष निगरानी में रखा गया है, क्योंकि उन्हें सिर या पीठ में चोटें आई हैं। सभी घायलों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

रेलवे पुलिस (RPF) और स्टेशन कर्मचारियों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को अस्पताल ले जाया गया। गनीमत रही कि अभी तक किसी की मृत्यु की खबर नहीं है।

घटना के कारण

इस घटना के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं:

त्यौहारी सीजन की भारी भीड़ – त्योहारी सीजन में रेलवे स्टेशनों पर हमेशा ज्यादा भीड़ होती है।

इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी – प्लेटफार्म और फुट ओवर ब्रिज संकरे हैं, जिससे भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल होता है।

भीड़ प्रबंधन में चूक – कई यात्रियों ने शिकायत की कि स्टेशन पर पर्याप्त पुलिस या कर्मचारी मौजूद नहीं थे जो भीड़ को नियंत्रित कर सकें।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था, लेकिन अचानक ट्रेन की आने की स्थिति और यात्रियों की जल्दबाजी के कारण स्थिति बिगड़ गई।

भारतीय रेलवे में पहले भी हुई ऐसी घटनाएं

यह घटना पहली बार नहीं हुई है। भारतीय रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर पहले भी भारी भीड़ और भगदड़ जैसी घटनाएं सामने आई हैं। सबसे प्रसिद्ध उदाहरण दिल्ली रेलवे स्टेशन का हादसा है, जिसने सुरक्षा मानकों और भीड़ प्रबंधन की आवश्यकता को उजागर किया।

इस तरह की घटनाएं हमेशा यह संकेत देती हैं कि त्योहारी सीजन में यात्रियों की सुरक्षा और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर कितना महत्वपूर्ण है।

रेलवे प्रशासन और भविष्य की रणनीति

घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने कहा कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यात्रियों को प्लेटफार्म पर अनुशासन बनाए रखना होगा और सुरक्षा नियमों का पालन करना आवश्यक है।

रेलवे बोर्ड और राज्य प्रशासन अब यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में स्टेशन पर पर्याप्त सुरक्षा कर्मी और पुलिस बल मौजूद हों। इसके अलावा फुट ओवर ब्रिज और प्लेटफार्मों की चौड़ाई बढ़ाने जैसे सुधारों पर भी विचार किया जाएगा।

निष्कर्ष

वर्धमान रेलवे स्टेशन पर यह घटना एक चेतावनी है कि त्योहारी सीजन में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन घायल लोगों की संख्या और अफरातफरी ने सभी को चिंतित कर दिया है।

भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे प्रशासन, यात्रियों और स्थानीय अधिकारियों को मिलकर काम करना होगा। सुरक्षा उपायों, पर्याप्त कर्मचारियों की तैनाती और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के माध्यम से ऐसे हादसों की संभावना कम की जा सकती है।

Leave a Comment